तेरे बेइंतहा प्यार में जो गीत लिखता आया हूँ,
उन्ही को आज बाज़ार में आज़माने आया हुं ||
जिन गीतो पे थी अपनी मोहब्बत की असास,
आज ठेले पे उनपर लगी बोली सुनने आया हुँ ||
जीन में थे मेरे अल्फ़ाज़,मेरी शायरी और मेरा एहसास,
तराज़ु में तोल-तोल के हर वोह लफ्झ बेचने आया हुँ ||
जीन चाँद सितारों को कैद किया था पन्नो में,
उनको आज ज़माने में बिखेरने आया हूँ ||
बड़े अरमानो से खयालों को उतरा था कागज़ के टुकड़ों पर,
पर अब उन्ही से पेट की आग बुझाने आया हूँ ||
मुझे मुआफ करदेना मेरे हम्नफ्ज़,
न चाहते हुए भी मै सब खो ने आया हूँ ||
sahi ahe re, yaat khup urdu shabda ahet na?????/ ase mala vatale hmm.....toola yete ka urdu??????
ReplyDeletepan je kahi lihile ahes te aflatun ahe.......premat vagre padlas ki kay????????/,ani ti kahi vede vakde bolali kai kay toola???/ashi ekdam shero shayri karayla laglas, aplyala sang bar apun dekhenge usko tera dil dukhaya hain to.....joke apart bhari ahe je kay lihile ahes te aflatun ahe.........pan lihaycha rate vadhav re, kiti kiti diwsani ekhada post taktos..
mastch re lai bhari ata tu pan kavi zalas tar :P
ReplyDeletegood one boss!!!!!!!!!!!!!
ReplyDeletetruely very nice ........
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