१. लोगों को तैरता देख, हमने भी सीखना चाहा...
लोगों को तैरता देख, हमने भी सीखना चाहा...
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मगर क्या करे हमारे लिए तालाब ही ना मिला......
२. इतना भी मसरुफ न रहाकर ए जालीम...
इतना भी मसरुफ न रहाकर ए जालीम...
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के लोग फकत तेरे लिये मसरुफ हो जाये !!!
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