कोशिश

बैठे है लेके सोमरस, यहाँ कोई रम नहीं
पीके जो शायरी करे, वो शायर हम नहीं...

इस दुनिया में और भी बहुत कुछ है
ये जहां बस दश्त-ए-गम नहीं...

सिखले तू दुःख से खेलना
या दुनिया कहे तुजमे दम नहीं...

परवाह न कर तू हार की
उसकी थैली में मौके कम नहीं...

मिले न मिले हमसफर राहे-जिंदगी में
चलता चला जा..मगर थम नहीं...

1 comment:

  1. aayla ekdam bharich ki ye toh bahut hi badhiya hain.....bole to ekdam zakasssss

    anek varshani lihile pan changle lihile mahnun toh hamne apko baksh diya !!!!

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