सवाल-जवाब -> काला पहरेदार

सवाल/तकरार--

जब भी तुम मुझे मिलने आती हो,
हमेशा एक काला पहरेदार साथ लाती हो !!

कभी वो कानो के पीछेसे झाकते रहता है,
मेरी हर नज़र को वो ताकते रहता है !!

कभी वो माथे के किसी कोने में रहता है,
ऊपर से निचे तक मुझे निहारते रहता है !!

कभी वो होटों के पास बैठे रहता है,
मेरी तरफ हसकर, जाम पे जाम पीते रहता है !!

मै तेरे पास आने की कोशिश में रहता हूँ
और वो हर वक़्त कबाब में हड्डी बना रहता है !!

इतना क्या लगाव है उस काले से,
इश्क गर करती हो मुझ दीवाने से !!

अगली बार आते वक़्त उसे मत लाना,
जरूरत पड़े तो मुझे ही याद करलेना !!



जवाब/समाधान---

जब भी मुझे घर से बाहर जाना रहता है,
ये कला पहरेदार हमेशा साथ रहता है !!

कभी वो कानो के पीछे तैनात रहता है,
छुप छुपकर बुरी नज़रों से लड़ते रहता है !!

बेशर्मी की हदें पार करके जब नज़रे पास आती है,
माथे पे उसे खड़े देख उलटे लौट जाती है !!

कभी कभी वो होटों पे बैठा रहता है,
मेरे सावले रूप को निखारते रहता है !!

ऐरेगैरे पास आने की कोशिश में रहते है,
बस वही मुझे हर आफत से बचाते रहता है !!

इतनी भी क्या जलन है इस काले से,
तेरी ही इस अमानत के रखवाले से !!

जब जब मै तुझसे मिलने आउंगी,
सलामत तेरे पास आने के लिए, उसे साथ लाउंगी !!

1 comment:

  1. ek number aahe, imagination is gr8 mast aahe keep it up.

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