बैठे है लेके सोमरस, यहाँ कोई रम नहीं
पीके जो शायरी करे, वो शायर हम नहीं...
इस दुनिया में और भी बहुत कुछ है
ये जहां बस दश्त-ए-गम नहीं...
सिखले तू दुःख से खेलना
या दुनिया कहे तुजमे दम नहीं...
परवाह न कर तू हार की
उसकी थैली में मौके कम नहीं...
मिले न मिले हमसफर राहे-जिंदगी में
चलता चला जा..मगर थम नहीं...
पीके जो शायरी करे, वो शायर हम नहीं...
इस दुनिया में और भी बहुत कुछ है
ये जहां बस दश्त-ए-गम नहीं...
सिखले तू दुःख से खेलना
या दुनिया कहे तुजमे दम नहीं...
परवाह न कर तू हार की
उसकी थैली में मौके कम नहीं...
मिले न मिले हमसफर राहे-जिंदगी में
चलता चला जा..मगर थम नहीं...